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एक्सरसाइज न सिर्फ बड़ों बल्कि नवजात बच्चों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। नवजात बच्चों को भी कई तरह की एक्सरसाइज करवाई जाती हैं। जो बच्चे के विकास के साथ ही फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार लाने का काम कर सकती हैं।
एक साल से कम उम्र के बच्चे के लिए एक्सरसाइज
नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक बच्चे को पूरा दिन एक्टिव रखने का प्रयास करना चाहिए। आप बच्चे को हर रोज कई तरीकों से एक्टिव रख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर घुटनों के बल चलना। यदि बच्चे ने अपने उम्र के हिसाब से अभी तक चलना शुरू नहीं किया है तो आप अपने बच्चे को पुशिंग, उसके सिर का हिलाने, पुलिंग, बॉडी और हाथ-पैरों को स्ट्रेच आदि कुछ एक्टिविटीज करवानी चाहिए।
बच्चे को ना रखें इनएक्टिव
Pregnancybirthbaby.org के मुताबिक नवजात बच्चे से लेकर 1 साल तक के बच्चे को सुपरवाईज्ड फ्लोर प्ले जरूर करवाना चाहिए। बच्चे को एक घंटे से अधिक देर तक इनएक्टिव नहीं रखना चाहिए। बता दें कि 1 से 5 साल तक के बच्चों को पूरे दिन में कम से कम 3 घंटे के लिए फिजिकल रूप से एक्टिव रहना चाहिए। वहीं 5 से 17 साल के बच्चों कि पूरे दिन में कम से कम 1 घंटे मॉडरेट से कठिन फिजिकल एक्टिविटीज करनी चाहिए। वहीं सप्ताह में कम से कम 3 दिन ऐसी एक्टिविटीज में हिस्सा जरूर लेना चाहिए, जिससे कि उनकी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत हों।
NHS के अनुसार, जब बच्चा जागा हुआ हो तो उसे दिनभर में करीब आधे घंटे के लिए टमी टाइम जरूर करवाएं। जब बेबी खुद से मूव करने लगे तो जितना हो सके उतना ज्यादा से ज्यादा खेलने दें और एक्टिव रहने दें।
बच्चे को कराएं बाईसाईक्लिंग
कई पैरेंट्स अपने बच्चों को कोलिक पेन, कब्ज या गैस आदि से राहत दिलाने के लिए बच्चे के पैरों को साइकिल की तरह चलाते हैं। ये एक्सरसाइज घुटनों, कूल्हों, बच्चे के जोड़ों और पेट की मांसपेशियों के लिए काफी अच्छी रहती है। इससे बच्चों की टांगों में लचीलापन आता है। इसके लिए सबसे पहले आप बच्चे को पीठ के लिए लिटा दें। फिर बच्चे की टांगों को एक-एक कर के अपने हाथों से ऊपर-नीचे करें। यह एक्सरसाइज बच्चों को भी बहुत पसंद होती है।
क्लाइंब माउंटेन
यदि आपके बेबी ने घुटने के बल चलना शुरू कर दिया है तो क्लाइंब माउंटेन एक्सरसाइज उसके लिए बेहतरीन रहेगी। बेबी को यह एक्सरसाइज कराने के लिए बेड पर कुछ तकिए रख दें। फिर बेबी को उन तकिए के ऊपर से चढ़ कर आने के लिए कहें। यह एक्सरसाइज बच्चों के हाथों-पैरों के जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।